मन की गहराईयों में कोई दर्द सा क्यूँ है
मेरे सीने में यह एक चुभन सी क्यूँ है ?
मुझे अपना कहने वाले तो बहुत है लेकिन
दिल में एक खालीपन फिर भी क्यूँ है ?
एक पल को लगा की मंजिल मिल गई मुझे
तलाश अब भी जारी है ऐसा लगता क्यूँ है ?
मेरी आंखों से आंसू पोंछ दिए थे तुमने
मेरा दामन अभी भी गीला क्यूँ है ?
Monday, October 06, 2008
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